निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
इन पंक्तियों में कवि कैफ़ी आज़मी ने भारतीय जवानों के साहस और हौंसले की सराहना की है की किस प्रकार अनेक मुश्किलों का सामना करते हुए भी उन्होंने अपनी अंतिम श्वांस तक देश की रक्षा की। चीनी आक्रमण के समय भारतीय जवानों ने हिमालय की बर्फ़ीली चोटियों पर लड़ाई लड़ी। उनकी साँसें भले ही रुकने लगीं तथा भयंकर सर्दी के कारण उनकी नब्ज़ चाहे जमती चली गई किंतु किसी भी परिस्थिति में उनके इरादे डगमगाए नहीं एवं पूरे साहस और जोश के साथ सैनिक लड़ते रहे|